गुनाह पासपोर्ट का थादर बदर राशनकार्ड हो गए..😔

देश में इतनी बड़ी मुसीबत आयी है और ब्लेम गेम का घटिया सिलसिला मोदी सरकार ने शुरु कर दिया है.......... मोदी सरकार अब राज्यों को दोषी बता रही है..........कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिख कर पूछ रहे है कि 18 जनवरी से 23 मार्च के बीच जो 15 लाख से ज्यादा यात्री विदेश से भारत आए हैं, वो कहा है?
राज्य सरकारे उनकी निगरानी नहीं रख पा रही है क्योकि जितने लोगो को कोरोना के संदिग्धों की सूची में रखा गया है उनकी संख्या इस 15 लाख की संख्या से मेल नहीं खा रही है।
राज्यों को लिखे पत्र में कहा है कि बीते दो महीने में कुल जितने यात्री भारत आए हैं उनकी संख्या में और जितने यात्रियों की कोरोनावायरस को लेकर मॉनिटरिंग की गई है उनकी संख्या में अंतर नजर आता है पत्र में कहा गया है कि यह गंभीर तौर पर कोरोनावायरस के खिलाफ उठाए गए कदमों को प्रभावित कर सकता है।

अरे पहले आप बताइये न ? कि, आपने क्या किया? अब राज्यों पर क्यों डाल रहे है सारी जिम्मेदारी? आप तो बोल रहे थे न कि आपने तो इन यात्रियो की एयरपोर्ट पर जांच की थी। .......यानी आपने माथे पर एक लेजर लाइट डाली और इन्हे जाने दिया क्योकि ये लोग VIP लोग थे? बड़े बाप की ओलाद थे ? आपको इन पर शक था तो हर एयरपोर्ट के बाहर सेकड़ो एकड़ खाली जमीन होती है वहां पर अस्थाई अस्पताल बनवा कर इन विदेश से लौटे लोगो को क्वारंटाइन क्यों नहीं किया गया ? प्रॉपर टेस्ट क्यों नहीं किया गया? .... टेस्ट करते और इन्हे छोड़ देते !

आज इन 15 लाख लोगो के पीछे पूरा देश महीने भर का लॉक डाउन झेल रहा है ? पूरी इकनॉमी बर्बाद हो गयी है !

 देश में कुल 26 इंटरनेशनल एयरपोर्ट है जिसमे से मात्र दिल्ली मुंबई बंगलौर कलकत्ता हैदराबाद अहमदाबाद कोचीन चेन्नई जैसे एयरपोर्ट पर ही ज्यादा ट्रेफिक रहता है इनके टर्मिनल भी अलग बने हुए है इन एयरपोर्ट पर तीन दिन तक इन्हे रोकते, टेस्ट करते पूरी सुविधाए भी देते लेकिन इन्हे बाहर निकलने नहीं देते तो आज यह दिन नहीं देखना पड़ता 
 
जब कुम्भ का मेला होता है तो टेन्टेज में सर्वसुविधायुक्त अस्पताल मेला परिसर में बनाए जाते है कि नहीं ? वैसे ही अस्पताल बनवा कर आप इन लोगो को वही रोक सकते थे !....... एयरपोर्ट अथॉरिटी तो केंद्र के अंतर्गत ही आती है न ? क्या यह जिम्मेदारी केंद्र की मोदी सरकार की नहीं थी । अब जाकर आपको को होश आया है और इतने दिन बाद आप राज्य सरकार को चिठ्ठी लिख रहे हो ?

अब आप राज्य सरकारों से उम्मीद कर रहे हो कि भूसे के ढेर में से सूईया ढूढ़ ढूढ़ कर निकाले, ये लोग भी इतने नालायक है कि गलत पते बताकर अपने दोस्त रिश्तेदारों के यहां छुपकर बैठ गए है। 
जैसे भी हो इन लोगो को अब आप ढूंढ लीजिए आपने महामारी अधिनियम लागू किया है आपदा नियंत्रण कानून लागू किय है अब यह आपकी जिम्मेदारी है

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