तिरंगे की प्रोफ़ाइल फोटो लगाने के बजाय असली स्वराज के लिए संघर्ष करें।
सबसे पहले बता दू कि मैं कोई संदेश नहीं दे रहा हूं। क्योंकि लालकिले से बहुत उबाऊ संदेश आते हैं और हमलोग झेलते हैं, खैर आजादी मुबारक। आज़ादी के मायने क्या हैं, 15अगस्त का अर्थ क्या है। सबके लिए अलग अलग है। किसी के लिए आजादी का अर्थ है कि 15अगस्त मैं फेसबुक पर तिरंगे वाली प्रोफाइल पिक्चर लगा दुंगा एक दिन का देशभक्त बन जाऊंगा अगले दिन उसे डिलीट दुंगा। वही किसी के लिए आजादी का अर्थ ये है कि 15अगस्त को अपने मुहल्ले वाले चौराहे पे तिरंगा बेचुगा कुछ लोग खरीदेंगे और मेरी कुछ कमाई हो जाएगी। यकिन मानिए ये लोग तिरंगे को एक दिन बेचते हैं लेकिन राजनैतिक पार्टियो के नेता तिरंगे को आये दिन रोज बेच देते हैं। 15अगस्त 1947 को जब हम आजाद हुए थे तो कुछ लोग दिल्ली मे जश्न मना रहे थे, कोई कोलकाता में मातम मना रहा था कौन था, वो गांधी जो ये कह रहे थे ये वो आजादी है हि नहीं जिसकी परिकल्पना मैंने कि थी ये वो स्वराज है हि नहीं जो मैं लाना चाहता था। यानि वो सुबहे आजादी वो शहरे अभी भी नहीं आई है जो गांधी जी चाहते थे। वो असली आज़ादी अभी भी हमने नहीं पाईं है और आज गांधी नहीं है, भगत सिंह नहीं है तो ये हमारी जिम्मेदा